उन्माद अथवा पागलपन - पागलपन के कारण और इसके इलाज



उन्माद अथवा पागलपन को हम मेन्टल डिसऑर्डर भी कहते हैं।मेन्टल डिसऑर्डर मतलब किसी असमान्य व्यक्ति के बारे में बात करने से है।यह रोग रसायानिक के असन्तुलन से पैदा होते हैं और इसके उपचार के लिए किसी मेन्टल स्पेशलिस्ट  डॉक्टर की जरूरत होती है। साइंस में इस असमान्य और अनुचित बेहेवियर को मनोविकार कहा जाता है।


 लक्षण :-

यह रोग किसी मानसिक आघात के कारण हुआ करता है। जैसे किसी व्यक्ति का जब कोई विशेष प्रियजन मर जाता है अथवा धन-दौलत की क्षति उठानी पड़ती है तो वो अपना मानसिक सन्तुलन खो बैठता है।

उसे नींद नही आती। क्रोध बहुत जल्द आ जाता है। क्रोध में अपने सगे सब्न्धिओं को मारने-पीटने लगता है। कभी-कभी वह कपड़े फाड़ता है और नंगा होकर घर से निकल जाता है। वे बजह से हस्ता रहता है और कभी-कभी रोने लग जाता है । अजीब -अजीब सी हरकते करने लग जाता है।

उपचार :- 

1 . पागल रोगी का जो घरेलू इलाज किआ जाता है, वह यह है की रोगी को किसी अच्छी खुली जगह पर आराम से रखें। रोगी को हर रोज़ 3 - 4 बार नहलाते रहें।

2 . पागल रोगी के लिए बकरी अथवा गाये का दूध उचित आहार है। इसके अतिरिक्त ठंडी हरी सब्जियां जैसे घीया, टिंडा, तोरई और परवल का साग उचित है।

3 . कद्दू के बीज छे माशे, खसखस के बीज छे माशे, किशमिश 21 दाने पानी में पीस- कर सुबह- शाम पिलायें।

4 . यदि रोगी को कब्ज की शिकायत हो तो इमली पांच तौला, सनाए की पत्ती सात मासे को रात के समय पानी में भिगोकर रखें। सुबह छानकर गुलकन्द चार तौला  मिलाकर पिलायें।

5 . नीबू के छिलकों का चूर्ण बनाकर हर रोज ग्राम चूर्ण रात को 200 ग्राम पानी में डालकर रखें। सुबह उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पिलाने से पागलपन में बहुत लाभ होता है।



6 . सर्पगन्धा की जड़ को चाय में सुखाकर पीसकर चूर्ण बनाएं। 5 ग्राम चूर्ण गुलाब जल के साथ पिलाने से पागलपन में बहुत लाभ होता है।

7 . 20 ग्राम इमली को पानी के साथ पीसकर, छानकर रोगी को पिलाने से पागलपन में बहुत लाभ होता है।

8 . गुलाबजल और कपास के फूल 10 - 10 ग्राम मात्रा में लेकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। उसमें 20 ग्राम गुड़ मिलाकर चाशनी बना लें। 6 ग्राम चाशनी हररोज सुबह और शाम खिलाने से पागलपन का प्रभाव कम होता है।

9 . तरबूज के बीजो की 10 ग्राम गिरी शाम को पानी में डालकर रखें। प्रातः काल उस गिरी को पानी में पीसकर थोड़ी - सी मिश्री मिलाकर पिलाने से पागलपन में लाभ होता है।

10 . गुलाब के फूल और अनार के पते दोनों 10 - 10 ग्राम 500 ग्राम पानी में उबालें। 100 ग्राम पानी रह जाने पर 10 ग्राम पानी का घी मिलाकर खिलने से पागलपन में लाभ होता है।

11 . पागलपन में रोगी ज्यादा तकलीफ में रहता है। ऐसी स्थिति में रात को सोते समय रोगी को एरेंडी का तेल 20 ग्राम दूध के साथ पिलाने से कब्ज दूर होती है।

12 . शंखपुष्पी का 5 ग्राम रास शहद में मिलाकर सुबह - शाम सेवन करने से उन्माद खत्म होता है।

13 . 10 ग्राम सौंफ को 500 ग्राम पानी में उबालकर 250 ग्राम पानी रह जाने पर छानकर रखें। इस पानी में 10  ग्राम मिश्री मिलाकर पिलाने से उन्माद कम होता है।

14 . शंखपुष्पी और ब्राह्मी का रस 5 - 5  ग्राम लेकर शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से उन्माद खत्म होता है।

15 . कुठ का चूर्ण दो ग्राम , ब्राह्मी रस दस ग्राम, थोड़े से शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से ब्रेन की कमजोरी खत्म होने पर उन्माद में लाभ होता है।

16 .  काली मिर्च और धतूरे के बीज दोनों 25 - 25 ग्राम कूटकर पानी के साथ गोलियां बनाकर रखें। 1 रत्ती गोली को माखन के साथ सेवन करने से उन्माद में बहुत लाभ होता है।

17 . कुलिंजन का चूर्ण 3 ग्राम, ब्राह्मी के पत्तों का 10 रस ग्राम, शहद के साथ मिलाकर दिन में बार चटाकर खिलने से उन्माद में बहुत लाभ होता है।

18 . नीम के पत्तों का रस 6 ग्राम, कुठ का चूर्ण 2 ग्राम दोनों को शहद में मिलाकर सेवन करने से उन्माद की विकृति नष्ट हो जाती है।

ऊपर की ओर हमने कुछ लक्षण और उपचार दिए हैं जिनसे आप पागलपन के रोग से ग्रस्त नही हो सकते। याद रखने वाली एक ही बात है की इलाज तो हर चीज का है चाहे वो बड़ी  से बड़ी समस्या हो या छोटी से छोटी समस्या हो, पर ध्यान आपको ही रखना है आपको ही सतर्क रहना होगा तभी आप रोग मुक्त रह सकते हैं।


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1 comment:

  1. Sir kya pagal लोग mobile ka use karna जानते हैं
    और क्या वो pagl hu Aisa mankar khud ko control kar skta h, please answer sir

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